थायराइड को कैसें करें कट्रोल
नई दिल्ली : थायराइड एक ऐसी समस्या है जो कि आजकल लोगों में आम देखने को मिलती है। थायराइड में वजन बढ़ने के साथ हार्मोन असंतुलन भी हो जाते हैं. थायराइड हार्मोन शरीर के अंगों के सामान्य कामकाज के लिए जरूरी होते हैं. मगर पुरूषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड की समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है। बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में थायराइड का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में उन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है। आइए आपको बताते है क्या है थायराइड, इसके लक्ष्ण और कासे घर बैठे आप कर सकती उसकी इलाज
क्या है थायरायड
थायरायड ग्रंथि गले में सांस नली के ऊपर, वोकल कॉर्ड के दोनों ओर दो भागों में होती है। इसका आकार तितली जैसा होता है। ये ग्रंथि थाइराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है। इस हार्मोन से शरीर की एनर्जी, प्रोटीन उत्पादन एवं अन्य हार्मोन्स के प्रति होने वाली संवेदनशीलता कंट्रोल होती है। थायराइड की वजह से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है इसलिए इसकी वजह से शरीर में कई समस्याएं शुरू हो जाती हैं।
कितने तरह का होता हैं थाइराइड
मुख्य रूप से थायराइड के छह प्रकार माने गए हैं,
हाइपो थायराइड : जब थायराइड ग्रंथि जरूरत से कम मात्रा में हार्मोंस का निर्माण नहीं करती है
हाइपर थायराइड : जब थायराइड ग्रंथि जरूरत से ज्यादा हार्मोंस का निर्माण करती है
थायराइडिटिस : जब थायराइड ग्रंथि में सूजन आती है
गॉइटर : भोजन में आयोडीन की कमी होने पर ऐसा होता है, जिससे गले में सूजन और गांठ जैसी नजर आती है।
थायराइड नोड्यूल : इसमें थायराइड ग्रंथि के एक हिस्से में सूजन आ जाती है। ये सूजन कठोर या तरल पदार्थ से भरी हुई हो सकती है
थायराइड कैंसर : जब थायराइड ग्रंथि में मौजूद टिशू में कैंसर के सेल बनने लगते हैं।
थायराइड होने के कारण
ज्यादा नमक या सी फूड खाना
शरीर में आयोडीन और विटामिन बी12 की कमी होना
ऑटो इम्यून डिजीज - एक विशेष सूजन संबंधी विकार जिसे हाशिमोटो थायराइड सिस कहा जाता है,
थायराइड सर्जरी - थायराइड ग्रंथि के सभी हिस्से को हटाने से हार्मोन उत्पादन कम हो जाता है ऐसे में जीवनभर आपको थायराइड की समस्या हो सकती है।
दवाएं- कई दवाओं के सेवन जैसे लीथियम आदि थायराइड का कारण बनती हैं।
पिट्यूटरी ग्रंथि - पिट्यूटरी ग्रंथि की समस्या से हो सकता हैं।
आयोडीन की कमी - आयोडीन की कमी या बहुत ज्यादा आयोडीन से हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है।
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थायराइड होने पर क्या क्या लक्ष्ण दिखाई देते है
तेजी से वजन बढ़ना
कमजोरी और थकान होना
महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता शुरू हो जाती है
थायराइड की बीमारी के कारण आपको डिप्रेशन भी हो सकता है
सर्दी या गर्मी बर्दाश्त न होना
थायराइड होने पर पेट की गड़बड़ियां जैसे कब्ज होना
थायराइड के लिए क्या करें घरेलू उपचार
हल्दी वाला दूध- रोजाना हल्दी वाला दूध पीने से भी थायराइड कंट्रोल में रहता है। अगर आप हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहती तो आप हल्की को भून कर भी खा सकती हैं। इससे भी थायराइड को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
मुलेठी का सेवन- थायराइड के मरीज जल्दी थक जाते हैं। एेसे में मुलेठी का सेवन आपके लिए बेहद फायदेमंद होगा। इसमें मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को संतुलित करके थकान को उर्जा में बदल देते हैं।
प्याज से करें मसाज- थायराइड को कंट्रोल करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है प्याज। इसके लिए प्याज को दो हिस्सों में काटकर सोने से पहले थायराइड ग्लैंड के आस-पास क्लॉक वाइज मसाज करें। मसाज के बाद गर्दन को धोने की बजाए रातभर के लिए ऐसे ही छोड़ दें। कुछ दिन लगातार ऐसे करने से आपको इसके नतीजे दिखने शुरू हो जाएंगें।
गेहूं और ज्वार- गेहूं और ज्वार आयुर्वेद में थायराइड की समस्या को दूर करने का बेहतर और सरल प्राकृतिक उपाय है। इसके अलावा यह साइनस, उच्च रक्तचाप और खून की कमी जैसी समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी रूप से काम करता है।
हरा धनिया- थाइराइड का घरेलू इलाज करने के लिए हरा धनिया को पीसकर उसकी चटनी बना लें। इसे 1 गिलास पानी में घोलकर रोजाना पीने से थायराइड कंट्रोल में रहेगा। आप चाहे तो चटनी का सेवन खाने के साथ भी कर सकती हैं।
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