योगी सरकार भले ही रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा करे..पर गाहे बगाहे इसकी पोल खुल ही जाती है..सरकार है.सरकारी सिस्टम है..जो कुछ है. बस चलने दो ... काम तो होते ही रहते है..लापरवाही तो सामने आती ही रहती है,उसमें क्या है.ये सब तो चलता रहता है.अधिकारी मस्त हैं.मौज में हैं.जो कुछ है झेलना तो आम आदमी को ही है..
जी हां. एक वृद्ध दादा अपने बीमार पोते को पीठ पर लादकर ले जाना पड़ता है बुलंदशहर में खबर सरकारी सिस्टम पर तमाचा मार रही है... वृद्ध दादा का आरोप है कि अस्पताल के गेट पर उसे स्ट्रेचर नहीं मिला. इसीलिए मजबूर होकर कमर पर ही लादकर अस्पताल में लाना पड़ा..इसके बावजूद मौके पर कोई डॉक्टर भी मौजूद नहीं मिले...काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी इलाज नहीं मिला...
इस खबर ने खुर्जा के सरकारी अस्पताल में मिलने वाली सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल कर रख दी है..अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में स्ट्रेचर होने के बाद भी ये देखने को मिला..खुर्जा के सीएमएस को अस्पताल एवं इमरजेंसी के गेट पर स्टेचर सहित वार्ड बॉय तैनात रखने के निर्देश देने का दावा किया जा रहा है....फिलहाल मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.. अब ऐसे में देखना होगा क्या कुछ कार्रवाई की जाएगी...