रॉबर्ट वाड्रा से बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) में हुई पूछताछ बेनतीजा रही, क्योंकि उन्होंने किसी भी आरोप का जवाब देने से इन्कार कर दिया था. इसलिए अब ईडी ने पूरी तैयारी पहले से कर रखी है और आज उनसे पूछताछ के कई सबूतों को सामने रखकर किया जाएगा. ED के सूत्रों ने बताया कि हथियारों के सौदागर संजय भंडारी के रिश्तेदार सुमित चड्ढा ने संजय भंडारी और रॉबर्ट वाड्रा को मार्क कर कई ई-मेल भेजे थे. वाड्रा ने दोनों को इन ई-मेल का जवाब देते हुए कई प्रॉपर्टीज के बारे में साफ निर्देश दिए थे.
वाड्रा को ये मेल पूरे सिरे के साथ दिखाए जाएंगे, जिनसे यह पता चलता है कि काले धन का इस्तेमाल कथित तौर पर प्रॉपर्टी खरीदने के लिए किया गया. ईडी के सूत्रों का कहना है कि मनी लॉड्रिंग वाले धन का इस्तेमाल वाड्रा के लिए बेनामी संपत्ति खरीदने में किया गया. सूत्रों के अनुसार इन मेल तक सबसे पहले जानकारी आयकर विभाग को मिली थी, जब विभाग के अधिकारियों ने अक्टूबर, 2016 में संजय भंडारी के दक्षिण दिल्ली स्थित आवास पर छापा डाला था. ये सभी ई-मेल जून 2009 और अक्टूबर 2010 के बीच के हैं. ईडी सूत्रों का कहना है कि ई-मेल से यह पता चलता है कि वाड्रा के करीबी सहयोगी के नियंत्रण वाली शेल कंपनियों ने इन प्रॉपर्टीज की खरीद की थी.
ईडी के सूत्रों ने बताया कि रॉबर्ट वाड्रा ने कथित रूप से भंडारी के रिश्तेदार सुमित को ई-मेल कर साफ निर्देश दिए थे. सुमित चड्ढा ने संजय भंडारी और रॉबर्ट वाड्रा को मार्क कर कई ई-मेल भेजे थे.